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अखिल भारतीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने की 8 वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की मांग…

अखिल भारतीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने की 8 वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की मांग

देहरादून। अखिल भारतीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने केंद्रीय वित्त मंत्री को भेजे गए ज्ञापन में 8वे केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की मांग की गई है।

सुभाष चौहान, राष्ट्रीय महामंत्री एवं सतीश घिल्डियाल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने कहा है कि 7 वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिश सरकार द्वारा 14-1-2018 से लागू की गई थी जबकि यह सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की जानी थी। कर्मचारी पक्ष ने 7वीं सीपीसी और उसके बाद भारत सरकार ने न्यूनतम वेतन को संशोधित कर 1 जनवरी 2016 को रुपए 26000 प्रति माह की गणना विभिन्न घटकों के आधार पर की गई थी दुर्भाग्य से सातवीं सीपीसी ने बिना किसी आधार के कर्मचारियों के तर्कों को खारिज कर न्यूनतम वेतन 18000 रुपए कर दिया। फिटमेंट फैक्टर 3.68% होना चाहिए था जिसे सातवीं सीपीसी ने 2.57% कर दिया, जिस पर सरकार द्वारा कर्मचारियों से बिना सहमति के स्वीकृति प्रदान कर दी गई।
यदि हम 2016 से 2023 तक दैनिक जीवन के लिए आवश्यक वस्तुओं और वस्तुओं की खुदरा कीमतों की तुलना करें तो स्थानीय बाजार के अनुसार उसमें 80% से अधिक की वृद्धि हुई है लेकिन हमें 1 जुलाई 2023 के अनुसार लगभग 46% महंगाई भत्ता ही प्रदान किया जा रहा है इसलिए वास्तविक मूल्य वृद्धि और कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को दिए जाने वाले D.A के बीच अंतर है।
केंद्र सरकार का वास्तविक राजस्व 100% से अधिक बढ़ गया है इसलिए केंद्र सरकार के पास वर्ष 2016 की तुलना में अधिक भुगतान क्षमता है। अप्रैल 2023 में जीएसटी संग्रह में भी वृद्धि हुई है 1.87 लाख करोड रुपए एकत्र किए गए हैं, वर्ष 2022-23 में आयकर संग्रह सबसे अधिक रहा। वित्त वर्ष 2022-23 में सकल व्यक्तिगत आयकर संग्रह अनंतिम रुपए 960764 करोड़ जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 24.23% की वृद्धि देखी गई है
भारत का अप्रत्यक्ष कर संग्रह है 2022-23 में 7.21% बढ़कर 13.82 लाख करोड़ हो गया जो पिछले वर्ष 12.89 लाख करोड़ था। स्रोत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क।
लगभग 10 लाख रिक्तियों के साथ केंद्र सरकार के कर्मचारियों की स्टाफ संख्या पिछले दशक से कम हो गई है मौजूदा कर्मचारियों पर काम का दबाव ज्यादा है।

वर्ष 2020-21 के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए वेतन और भत्ते का वास्तविक व्यय कुल राजस्व व्यय का केवल 7.29% है पेंशन भोगियों के संबंध में पेंशन पर वास्तविक व्यय कुल राजस्व व्यय का लगभग 4% है।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों , शिक्षकों तथा पेंशन भोगियों का D.A पहले ही 50% तक पहुंच चुका है 1 जनवरी 2024 मुद्रास्फीति और मूल्य वृद्धि को देखते हुए D.A 50% को पार कर जाएगा। यहां यह उल्लेख करना भी उचित है कि 20 लाख से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत शासित होते हैं और हर महीने उन्हें अपने मूल वेतन और D.A का 10% एनपीएस में योगदान करना होता है इससे उनका घर ले जाने का वेतन काफी कम हो जाता है । सरकार अब तक एनपीएस को खत्म करने और 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद भर्ती हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए सीसीएस पेंशन नियम 1972 (अब 2021) के तहत पेंशन बहाल करने की हमारी मांग पर सहमत नहीं हुई है।
उपरोक्त सभी पहलुओं और आज के जीवन की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए और योग्य तथा प्रतिभाशाली उम्मीदवारों को सरकारी सेवा में आकर्षित करने के लिए अब तुरंत आठवें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन करने और केंद्र के वेतनमान, भत्ते ,पेंशन और अन्य लाभों को संशोधित करने का समय आ गया है।
इसलिए अखिल भारतीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ द्वारा मांग की गई है कि भारत सरकार तुरंत आठवीं केंद्रीय वेतन आयोग का गठन करें।

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